रूपांतरण/अनुवादन (Translation)

रूपांतरण/अनुवादन (Translation)
m-RNA में न्यूक्लियोटाइडो की श्रृंखला का अमीनो अम्लों की पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला में परिवर्तन को अनुवाद कहते हैं ।
यह प्रक्रिया कोशिका द्रव्य में राइबोसोम की सतह पर होती है । राइबोसोम m-RNA के 5' सिरे पर जोड़ता है तथा इसके 3' सिरे की तरफ गति होने से m-RNA के कोडॉन अनुवादित हो जाते हैं ।
अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंध  का निर्माण करते हैं । उत्प्रेरक की उपस्थिति में पेप्टाइड बंध बनने की दर बढ़ जाती है ।
राइबोसोम कोशिका का कारखाना है, जो संरचनात्मक RNA  एवं लगभग 80 विभिन्न प्रोटीनों से मिलकर बना होता है ।
राइबोसोम निष्क्रिय अवस्था में दो उप इकाइयों :-  (i)  एक बड़ी उप इकाई एवं  (ii) एक छोटी उप इकाई से मिलकर बना होता है ।
सिंथेटेज एंजाइम की उपस्थिति में अमीनो अम्ल सक्रिय होते हैं। सक्रिय अमीनो अम्ल t-RNA से क्रिया करके उसके 3' पर जुड़ जाता है ।

पॉलीपेप्टाइड शृंखला का आरंभन :-
यह क्रिया निम्न चरणों में संपन्न होती हैं -
(i) m-RNA राइबोसोम की छोटी उपइकाई से जुड़ जाता हैं और m-RNA की शृंखला  स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होती है ।
(ii) बड़ी उपइकाई में दो स्थल होते हैं । जिनसे अमीनो अम्ल जुड़कर एक-दूसरे के काफी पास आ जाते है जिससे पॉलीपेप्टाइड बंध बन जाते हैं।
(iii) राइबोसोम पेप्टाइड बंध के निर्माण राइबोजाइम में उत्प्रेरक का काम करता हैं ।
(iv) m-RNA स्थानांतरण इकाई RNA का अनुक्रम है जिसके किनारों पर प्रारम्भक कूट AUG व  समापक (रोध) कूट UAA, UAG एवं UGA मिलते है जो पॉलीपेप्टाइड शृंखला का कूटलेखन करते हैं ।
(v) m-RNA में कुछ अतिरिक्त अनुक्रम  होते है जो स्थानांतरित नहीं होते हैं  उन्हें अस्थनान्तरित स्थल (untranslated regions; UTR) कहलाते है ।
(vi) UTR दोनों 5' किनारे (प्रारम्भक कूट के पहले) एवं 3' किनारे पर (समापक कूट के बाद) स्थित होते हैं ।
(vii) प्रारंभन हेतु राइबोसोम m-RNA के प्रारम्भक कोडोन (AUG) से बंध जाता हैं जिसकी पहचान प्रारम्भक t-RNA द्वारा की जाती है ।

पॉलीपेप्टाइड शृंखला का दीर्घीकरण :-
राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण की दीर्घीकरण प्रावस्था ओर बढ़ता है । इस अवस्था में अमीनो अम्ल t-RNA से जुड़कर एक जटिल संरचना का निर्माण करते हैं जो आगे बढ़कर  t-RNA के  प्रतिकोडोन से पूरक क्षार युग्म बनाकर m-RNA के कोडोन से जुड़ जाती हैं ।
राइबोसोम m-RNA के साथ एक कोडोन से दूसरे कोडोन की ओर जाता है अर्थात राइबोसोम m-RNA के ऊपर आगे की ओर खिसकते जाते हैं ।
एक के बाद एक अमीनो अम्ल के जुड़ने से पॉलीपेप्टाइड शृंखला का स्थानांतरण होता है जो DNA द्वारा निर्देशित एवं m-RNA द्वारा निरूपित होती हैं ।

पॉलीपेप्टाइड शृंखला का समापन :-
m-RNA के प्रत्येक अंतिम सिरे की ओर पॉलीपेप्टाइड शृंखला की समाप्ति निर्धारित करने वाले विशेष कोडोन होते है ।समापन कोडोन के आने पर प्रोटीन संश्लेषण रुक जाता है और पॉलीपेप्टाइड शृंखला मुक्त हो जाती है ।
पॉलीपेप्टाइड शृंखला के मुक्त होने के पश्चात प्रथम अमीनो अम्ल मिथिओनिन समूह को फॉरमाइलेज एंजाइम द्वारा पृथक कर दिया जाता है । शृंखला के N एवं C सिरे से कुछ एमिनो अम्लों को पृथक कर दिया जाता हैं । अंत में पॉलीपेप्टाइड शृंखला अकेली रह जाती है जो वलित होकर द्वितीयक, तृतीयक एवं चथुर्तक आकृति की प्रोटीन बनाती हैं ।
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