अनुवादन (रूपांतरण; Translation) :-
m-RNA में न्यूक्लियोटाइडो की श्रृंखला का अमीनो अम्लों की पोलीपेप्टाइड श्रृंखला में परिवर्तन को अनुवादन या रूपांतरण कहते है |
यह प्रक्रिया कोशिकाद्रव्य में राइबोसोम की सतह पर होती है | राइबोसोम m-RNA के 5' सिरे पर जुड़ता है तथा इसके 3' सिरे की ओर गति होने से m-RNA के कोडोन अनुवादित होते जाते है |
अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंध का निर्माण करते है | उत्प्रेरक की उपस्थिति में पेप्टाइड बंध बनने की दर बढ़ जाती है |
राइबोसोम कोशिका का कारखाना या factory कहलाता है जो संरचनात्मक RNA और 80s प्रकार के प्रोटीनों से मिलकर बना होता है |
राइबोसोम निष्क्रिय अवस्था में दो उपइकाइयों एक बड़ी उपइकाई 60s एवं दूसरी छोटी उपइकाई 40s से मिलकर बना होता है | सिंथेटेज एंजाइम की उपस्थिति में अमीनो अम्ल सक्रिय होते है | सक्रिय अमीनो अम्ल t-RNA से क्रिया करके उसके 3' सिरे पर जुड़ जाते है |
पोलीपेप्टाइड श्रृंखला का आरंभन :-
यह प्रक्रिया निम्न चरणों में सम्पन्न होती है -
(i) m-RNA राइबोसोम की छोटी उपइकाई से जुड़कर रूपांतरण की प्रक्रिया को प्रारम्भ करता है |
(ii) राइबोसोम की बड़ी उपइकाई में दो स्थल होते है जिससे बाद में अमीनो अम्ल जुड़कर एक-दूसरे के नजदीक आ जाते है पोलीपेप्टाइड बंध बन जाते है |
(iii) राइबोसोम पेप्टाइड बंध के निर्माण में राइबोजाइम एंजाइम उत्प्रेरक का कार्य करता है |
(iv) m-RNA स्थानान्तरण इकाई RNA का अनुक्रम है जिसके किनारों पर प्रारम्भक कूट AUG एवं समापक (रोध) कूट UAA UAG एवं UGA कूट मिलते है जो पोलीपेप्टाइड श्रृंखला का कूट लेखन करते है |

(vi) UTR दोनों 5' किनारे (प्रारम्भक कूट के पहले) एवं 3' किनारे पर (समापक कूट के बाद) स्थित होते है |
(vii) प्रारंभन हेतु राइबोसोम m-RNA के प्रारम्भक कूट AUG से बंधता या जुड़ता है जिसकी पहचान अंतरण RNA (t-RNA) के द्वारा की जाती है |
श्रृंखला का दीर्घीकरण :-
राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण की दीर्घीकरण प्रावस्था की ओर बढ़ता है | इस अवस्था में अमीनो अम्ल t-RNA से जुड़कर एक जटिल संरचना का निर्माण करते है जो आगे चलकर t-RNA प्रतिकोडोन (anticodon) से पूरक क्षार युग्म बनाकर m-RNA के कोडोन से जुड़ जाते है |
राइबोसोम m-RNA के साथ एक कोडोन से दूसरे कोडोन की ओर जाता है अर्थात् राइबोसोम m-RNA के ऊपर आगे की ओर खिसकते जाते है | एक के बाद एक अमीनो अम्लों के जुड़ने से पोलीपेप्टाइड श्रृंखला का स्थानान्तरण होता है जो डीएनए द्वारा निर्देशित एवं m-RNA द्वारा निरुपित होता है |
श्रृंखला का समापन :-
m-RNA के प्रत्येक अंतिम सिरे की ओर पोलीपेप्टाइड श्रृंखला की समाप्ति को निर्धारित करने वाले विशेष कूट होते है | समापन कूट (UAA UAG UGA) के आने पर प्रोटीन संश्लेषण रुक जाता है और पोलीपेप्टाइड श्रृंखला मुक्त हो जाती है |
पोलीपेप्टाइड श्रृंखला के मुक्त होने के पश्चात् प्रथम अमीनो अम्ल मिथिओनिन समूह को फॉरमाइलेज एंजाइम द्वारा कर दिया जाता है | श्रृंखला के N एवं C सिरे पर कुछ अमीनो अम्लों को पृथक कर दिया जाता है और अंत में पोलीपेप्टाइड श्रृंखला अकेली रह जाती है जो वलित होकर द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुष्क आकृति की प्रोटीन बनती है |
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