2. DNA कुंडली की पैकेजिंग

DNA कुंडली की पैकेजिंग
गुणसूत्र क्रोमेटिन पदार्थ के बने होते है । ये एक न्यूक्लियोप्रोटीन है जो न्यूक्लिक अम्ल व हिस्टोन प्रोटीन से मिलकर बने होते है। 
न्यूक्लियोप्रोटीन = न्यूक्लिक अम्ल (DNA) + हिस्टोन प्रोटीन
"वुडकॉक" ने EM के द्वारा क्रोमैटिन का अध्ययन किया और बताया कि क्रोमैटिन दानेदार माला के समान होता है । माला के इन दानों को " ऑडेट" व उसके साथियों ने न्यूक्लियोसोम नाम दिया ।
  • यह क्रोमैटिन पर निश्चित दूरी पर स्थित बारम्बार मिलने वाली इकाईयां है ।यूकैरियोट में यह संरचना काफी जटिल होती है, इसमें धनात्मक आवेशित क्षारीय प्रोटीन का समूह होता है जिसे हिस्टोन कहते है ।
  • इस प्रोटीन का आवेश आवेशित पार्श्व श्रृंखला में स्थित अमीनो अम्लों की बहुलता पर निर्भर करता है।
  • प्रत्येक न्यूक्लियोसोम तस्तरी के आकार का होता है एवँ इसका मध्य भाग प्रोटीन के कोर का बना होता है।
  • इसके ऊपर कुंडलीत डीएनए लिपटा हुआ होता है (ऋणात्मक आवेश) । हिस्टोन प्रोटीन में क्षारीय एमीनो अम्ल लाइसिन एवं आर्जिनिन अधिक मात्रा में मिलते हैं जिसके कारण दोनों अमीनो अम्लों की पार्श्व श्रृंखलाओं पर धनात्मक आवेश होता है। 
  • क्रोड, हिस्टोन प्रोटीन के 8 अणुओं से मिलकर बनी एक इकाई होती है जिसे हिस्टोन अष्टक कहते हैं ।
  • इस क्रोड में 4 हिस्टोन प्रोटीन H2A, H2B, H3 एवँ H4 होते हैं ।

  • इसमें से प्रत्येक प्रोटीन के दो-दो अणु होते है। इस प्रकार न्यूक्लियोसोम का क्रोड 4 हिस्टोन से मिलकर बना अष्टक होता है ।
  • धनात्मक आवेशित हिस्टोन अष्टक चारों तरफ से ऋणात्मक आवेशित DNA से लिपटा रहता है जिसे न्यूक्लियोसोम कहते हैं ।
  • एक प्रारूपिक न्यूक्लियोसोम में 200 क्षार युग्म की DNA कुण्डली होती है ।
  • केन्द्रक पर मिलने वाली एक संरचना जिस पर न्यूक्लियोसोम एक के बाद एक मिलते है उसे क्रोमैटिन कहते है, जो केन्द्रक में अभिरंजित धागे की तरह संरचना होती है ।
  • इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के द्वारा न्यूक्लियोसोम क्रोमैटिन पर, जिस तरह से डोरी पर बीड्स(मणियों) के समान दिखाई देते है ।
  • H1 नाम का एक पांचवा हिस्टोन प्रोटीन भी न्यूक्लियोसोम से सम्बंधित है।
  • H1 का एक अणु न्यूक्लियोसोम से बाहर निकलने वाले DNA को दूसरे न्यूक्लियोसोम में प्रवेश करने वाले DNA से जोड़ता है ।
  • इस प्रकार न्यूक्लियोसोम 4 हिस्टोन का अष्टक है जो DNA के साथ मिलकर जटिल संरचना बनाता है।
  • न्यूक्लियोसोम = प्रोटीन क्रोड (H2A, H2B, H3, H4) + 200 क्षार युग्म + H1 हिस्टोन का एक अणु
  • क्रोमैटिन या डोरी पर बीड्स (मणियों) के सदृश्य संरचना क्रोमैटिन में कोष्ठित होकर क्रोमैटिन धागे का निर्माण करती है, जो कोशिकाविभाजन की मेटाफेज (मध्यावस्था) में अत्यधिक कुंडलित होकर गुणसूत्र का निर्माण करती है ।
  • उच्च स्तर पर क्रोमैटिन के पैकेजिंग हेतु अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिसे सामूहिक रूप से "गैर हिस्टोन गुणसूत्रीय प्रोटीन" कहते है।
  • एक प्रारूपिक केन्द्रक में कुछ स्थानों पर क्रोमैटिन ढ़ीले-ढाले एवँ हल्के अभिरंजित होते हैं उन्हें " यूक्रोमेटिन" कहते है ।
  • यदि क्रोमैटिन सुव्यवस्थित, संघनित एवँ गहरे अभिरंजित हो तो उन्हें "हेटेरोक्रोमेटिन" कहते हैं ।


द्विकुण्डलित DNA की लंबाई की गणना :-
मानव में द्विकुण्डलित DNA की लंबाई की गणना करने के लिए सभी क्षार युग्मों की संख्या को लगातार दो क्षार युग्मों के बीच की दूरी से गुणा करके ज्ञात किया जा सकता है ।
DNA की लंबाई = द्विकुण्डलित DNA में क्षार युग्मों की संख्या × दो क्षार युग्मों के बीच की दूरी
Eg. 6.6×109×3.4×10-10
= 22.44×10-10
= 2.244 मीटर
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