भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक - डॉ.हॉमी जहाँगीर भाभा
(Indian Nuclear Power Program Generator)
(30 अक्टूबर,1909 से 24 जनवरी,1966) मुंबई
डॉ.हॉमी जहाँगीर भाभा के प्रयासों से ही भारत परमाणु क्षमता संपन्न देश बना। इसके बाद भारत ने न केवल परमाणु ऊर्जा हासिल करने की दिशा में कदम में बढ़ाया बल्कि परमाणु हथियारों के निर्माण में भी आत्मनिर्भर हो गया। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फण्डामेंटल रिसर्च के संस्थापक निदेशक भी रहे।
मार्च 1944 में नाभिकीय ऊर्जा पर अनुसन्धान आरंभ किया
प्रोफ़ेसर यशपाल
(26 नवम्बर,1926 से 24 जुलाई,2017) झांग (पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त का एक शहर)

प्रोफ़ेसर यशपाल ने अपना करियर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च से शुरू किया था।
अहमदाबाद अंतरिक्ष अनुप्रयोग संस्थान के पहले निदेशक एवं यूजीसी पूर्व अध्यक्ष वैज्ञानिक यशपाल ने लोगों की विज्ञान में रूचि पैदा की।
उन्होंने भौतिक विज्ञानं के कॉस्मिक किरणों, उच्च ऊर्जा भौतिकी एवं एस्ट्रो भौतिकी के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया।
सुभाष मुखोपाध्याय भारत के पहले और विश्व के दूसरे IVF बच्चे (परखनली शिशु) को जन्म देने वाले माने जाते हैं।
3 अक्टूबर, 1978 को इन्होने In vitro fertilization को विकसित किया जिसके परिणामस्वरूप टेस्ट ट्यूब बेबी "दुर्गा" का जन्म हुआ।
इसकी मान्यता 1986 में उनकी मृत्यु के बाद मिली।
भारतीय मिसाइल मैन- ए.पी.जे.अब्दुल कलाम
(15 अक्टूबर,1931 से 27 जुलाई,2015) रामेश्वरम, तमिलनाडू
डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने फिजिक्स एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्रदान की । उन्होंने भारतीय सेना के लिए बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी की तकनीक उपलबध करवाई । इसीलिए इन्हे मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
सत्र 1998 में भारत का दूसरा परमाणु परीक्षण भी उन्हीं के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
भारत के 11वें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। (25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007)
1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया
यू.आर. राव (उदापी रामचंद्र राव)
(10 मार्च,1932 से 24 जुलाई, 2017)बेंगलुरू
भारत में स्वदेशी डिजाइन के आधार पर तैयार उपग्रह आर्यभट्ट को 1975 में लॉन्च करने की पीछे इन्ही का हाथ था। इस सफलता के बाद भारत पहली बार अंतरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र में दुनिया के नक़्शे पर नजर आया। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने वांशिगटन हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया गया।
2017 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म विभूषण
2016 इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन के द्वारा हॉल ऑफ़ फेम पुरस्कार
2013 राव को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
2001 लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार आईएनएई, नई दिल्ली
1976 भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण
कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निर्माता - डॉ.कोटा हरिनारायण
(1943 से )ब्रह्मपुर,ओड़िशा
भारत के पहले स्वदेश निर्मित युद्धक विमान तेजस के पीछे इन्ही का दिमाग था। तेजड़ ने उनके नेतृत्व में पहली बार 2001 में उड़ान भरी।
तेजस रुसी विमान मिग-21 का न केवल स्थान लेने में सक्षम है, बल्कि उससे ज्यादा सटीक मारक क्षमता से लैस है।
देसी सुपर कम्प्यूटर के वास्तुकार - विजय पी. भाटकर
(11 अक्टूबर, 1946)
(Indian Nuclear Power Program Generator)
(30 अक्टूबर,1909 से 24 जनवरी,1966) मुंबई
डॉ.हॉमी जहाँगीर भाभा के प्रयासों से ही भारत परमाणु क्षमता संपन्न देश बना। इसके बाद भारत ने न केवल परमाणु ऊर्जा हासिल करने की दिशा में कदम में बढ़ाया बल्कि परमाणु हथियारों के निर्माण में भी आत्मनिर्भर हो गया। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फण्डामेंटल रिसर्च के संस्थापक निदेशक भी रहे।
मार्च 1944 में नाभिकीय ऊर्जा पर अनुसन्धान आरंभ किया
प्रोफ़ेसर यशपाल
(26 नवम्बर,1926 से 24 जुलाई,2017) झांग (पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त का एक शहर)

प्रोफ़ेसर यशपाल ने अपना करियर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च से शुरू किया था।
अहमदाबाद अंतरिक्ष अनुप्रयोग संस्थान के पहले निदेशक एवं यूजीसी पूर्व अध्यक्ष वैज्ञानिक यशपाल ने लोगों की विज्ञान में रूचि पैदा की।
उन्होंने भौतिक विज्ञानं के कॉस्मिक किरणों, उच्च ऊर्जा भौतिकी एवं एस्ट्रो भौतिकी के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया।
भारतीय IVF के जनक - सुभाष मुखोपाध्याय
(जन्म - 16 जनवरी, 1931 से 19 जून,1981) हज़ारीबाग, बिहारसुभाष मुखोपाध्याय भारत के पहले और विश्व के दूसरे IVF बच्चे (परखनली शिशु) को जन्म देने वाले माने जाते हैं।
3 अक्टूबर, 1978 को इन्होने In vitro fertilization को विकसित किया जिसके परिणामस्वरूप टेस्ट ट्यूब बेबी "दुर्गा" का जन्म हुआ।
इसकी मान्यता 1986 में उनकी मृत्यु के बाद मिली।
भारतीय मिसाइल मैन- ए.पी.जे.अब्दुल कलाम
(15 अक्टूबर,1931 से 27 जुलाई,2015) रामेश्वरम, तमिलनाडू
डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने फिजिक्स एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्रदान की । उन्होंने भारतीय सेना के लिए बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी की तकनीक उपलबध करवाई । इसीलिए इन्हे मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
सत्र 1998 में भारत का दूसरा परमाणु परीक्षण भी उन्हीं के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
भारत के 11वें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। (25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007)
1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया
यू.आर. राव (उदापी रामचंद्र राव)
(10 मार्च,1932 से 24 जुलाई, 2017)बेंगलुरू
भारत में स्वदेशी डिजाइन के आधार पर तैयार उपग्रह आर्यभट्ट को 1975 में लॉन्च करने की पीछे इन्ही का हाथ था। इस सफलता के बाद भारत पहली बार अंतरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र में दुनिया के नक़्शे पर नजर आया। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने वांशिगटन हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया गया।
2017 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म विभूषण
2016 इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन के द्वारा हॉल ऑफ़ फेम पुरस्कार
2013 राव को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
2001 लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार आईएनएई, नई दिल्ली
1976 भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण
कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निर्माता - डॉ.कोटा हरिनारायण
(1943 से )ब्रह्मपुर,ओड़िशा
भारत के पहले स्वदेश निर्मित युद्धक विमान तेजस के पीछे इन्ही का दिमाग था। तेजड़ ने उनके नेतृत्व में पहली बार 2001 में उड़ान भरी।
तेजस रुसी विमान मिग-21 का न केवल स्थान लेने में सक्षम है, बल्कि उससे ज्यादा सटीक मारक क्षमता से लैस है।
देसी सुपर कम्प्यूटर के वास्तुकार - विजय पी. भाटकर
(11 अक्टूबर, 1946)
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